श्रीमत् स्वामी विवेकानन्द विषयक भजन
मूर्तमहेश्वरमुज्ज्वलभास्करमिष्टममरनरवन्धम् ।
वन्दे वेदतनुमुज्झितगर्हितकाञ्चनकामिनीबन्धम् | 1 ||
कोटिभानुकरदीप्तसिंहमहो कटितटकौपीनवन्तम् ।
अभीरभीहुङ्कारनादितदिङ्मुखप्रचण्डताण्डवनृत्यम् ।।2।।
भुक्तिमुक्तिकृपाकटाक्षप्रेक्षणमघदलविदलनदक्षम्।
बालचन्द्रधरमिन्दुवन्द्यमिह नौमि गुरुविवेकानन्दम् ।।3।।