ॐ स्थापकाय च धर्मस्य सर्वधर्मस्वरूपिणे। अवतारवरिष्ठाय रामकृष्णाय ते नमः॥ ॐ नमः श्री भगवते रामकृष्णाय नमो नमः॥ ॐ नमः श्री भगवते रामकृष्णाय नमो नमः॥ ॐ नमः श्री भगवते रामकृष्णाय नमो नमः॥

Saturday, May 2, 2020

श्रीगुरु-प्रार्थना




श्रीगुरु-प्रार्थना

भवसागर-तारण-कारण हे । रविनन्दन-बन्धन-खण्डन हे ।।

शरणागत  किंकर भीत मने । गुरुदेव दया करो दीनजने ।१।

हृदिकन्दर-तामस-भास्कर हे । तुमि विष्णु प्रजापति शंकर हे ।।
परब्रह्म परात्पर वेद भणे । गुरुदेव दया करो दीन जने ।२।
मनवारण-शासन-अंकुश हे । नरत्राण तरे हरि चाक्षुष हे ।।
गुणगान -परायण देवगणे । गुरुदेव दया करो दीनजने ।३।
       कुलकुण्डलिनी-घुम-भंजक हे । हृदिग्रंथि- वदारण-कारक हे ।।
  मम मानस चंचल रात्रदिने ।गुरुदेव दया करो दीनजने ।४। 
        रिपुसूदन मंगलनायक हे। सुख शान्ति -वराभय-दायक  हे ।।
त्रयताप हरे तव नाम गुणे  गुरुदेव दया करो दीनजने ।५।  
    अभिमान- प्रभाव-विमर्दक हे ।गतिहीन-जने तुमि रक्षक हे ।।
        चित शंकित वंचित भक्तिधने   गुरुदेव दया करो दीनजने ।६।
      तव नाम सदा शुभसाधक हे । पतिताधम-मानव-पावक हे ।।
    महिमा तव गोचर शुद्ध मने ।गुरुदेव दया करो दीनजने ।७। 
       जय सद्गुरु ईश्वर-प्रापक हे । भवरोग-विकार-विनाशक हे ।।
            मन जेन रहे तव श्रीचरणे । गुरुदेव दया करो दीनजने ।८।